कोरोना से ठीक हुए बच्चों में भी दिख रहा है Long Covid, जानें क्या कहता है शोध
सेहतराग टीम
कोरोना के मामले अब काफी तेजी से घट रहे हैं। वहीं ठीक होने वालों की संख्या में भी काफी तेजी से बढ़ोत्तरी हो रही है। हालांकि अभी भी कई तरह की समस्याएं हैं, जैसे कोरोना से ठीक हुए मरीजों में लंबे समय तक प्रभाव दिख रहा है। अधिकतर मरीजों में सुस्त दर्द, भ्रम और पुरानी स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। अभी लगातार डॉक्टर्स इसको लेकर अध्ययन कर रहे हैं। लेकिन इससे बड़ी हैरान करने वाली ये बात सामने आ रही है कि 6 से कम उम्र के बच्चे लॉन्ग कोविड से जुड़े कई जोखिमों का शिकार हो रहे हैं।
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लॉन्ग कोविड को उन लक्षणों के एक मेजबान के रूप में जाना जाता है जो संक्रमण से लड़ने के बाद कोविड रोगियों के हफ्तों या महीनों के बाद भी ठीक हो जाते हैं।
क्लासिक कोविड लक्षणों के कारण लोगों को खांसी, बुखार, सांस फूलना, भ्रम और कई मामलों में हार्ट बीच बढ़ जाना, सांस की समस्या के साथ न्यूरोलॉजिकल जैसे लक्षणों का सामना करना पड़ रहा है। वहीं बच्चों की बात करे तो वह और भी ज्यादा खतरनाक हो सकते हैं। डॉक्टरों के अनुसार जो बच्चे एसिम्प्टोमैटिक के शिकार हो रहे हैं वह जल्दी से ठीक हो रहे हैं। लेकिन पैरैंट्स और डॉक्टर्स बच्चों में लॉन्ग कोविड साइड इफेक्ट में कई ऐसी दुर्लभ बीमारियां हो रही हैं। जिसके बारे में पैरैंट्स और डॉक्टर समझ नहीं पा रहे हैं।
बच्चों को मल्टीसिस्टम इंफ्लेमेटरी सिंड्रोम की समस्या का सामना करना पड़ रहा है। जिसके कारण हार्ट, लंग्स, लिवर, दिमार, स्किन सहित शरीर के कई हिस्सों में सूजन पैदा हो रही हैं।
हाल में ही लीसेस्टर विश्वविद्यालय और नेशनल स्टैटिस्टिक्स कार्यालय द्वारा 129 बच्चों में अध्ययन किया था। यह बच्चे वह लोग थे जिनमें कोरोना के लक्षण थे और जो बच्चे इसके कारण अस्पताल में एडमिट थे। इस पूरे अध्ययन को मेडरिक्सिव नामक एक पत्रिका में प्रकाशित किया हया है।
इस रिसर्च में सामने आया कि ठीक होने के बाद तीन बच्चों में से एक में कोरोना वायरस के 1-2 लक्षण दिखाई देते हैं, जबकि 5 में से एक में कोविड के 2 से अधिक लक्षण दिखाई दे रहे हैं। इस रिसर्च में पाया गया कि 18.6 फीसदी बच्चों को सोने में कठिनाई की शिकायत थी और 14.7 फीसदी बच्चों ने सीने में दर्द सहित सांस संबंधी समस्याएं होने की शिकायत थी। वहीं कई बच्चों में बंद नाक, थकान, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द जैसे लक्षण दिखे। वहीं 10 फीसदी बच्चों को ध्यान केंद्रित करने में समस्या हो रही हैं।
वहीं यूके में दूसरी स्टडी हुई जिसमें पाया गया कि कोरोना वायरस से ठीक हो चुके लोगों में पैरालिसिस या एक्यूट सिरदर्द का सामना करना पड़ रहा है।
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